उत्तर प्रदेश राज्य के राजस्व और जमीन विवाद से जुड़े मामलो की सुनवाई राजस्व कोर्ट (Revenue Court) में की जाती है। जब इस कोर्ट में चलने वाले किसी मुक़दमे का निपटारा हो जाता है तो उसके आदेश कोर्ट द्वारा जारी किया जाता है जिसमे उस मुक़दमे के निर्णय से जुडी सभी अहम जानकारिया शामिल होती है। मुक़दमे से जुड़े और अन्य लोग इस कोर्ट आर्डर को वाद यूपी की ऑफिसियल वेबसाइट (vaad.up.nic.in) पर चेक करने के साथ उसे डाउनलोड भी कर सकते है। इस लेख में हम Vaad UP Case Court Order Check और Download करने की पूरी प्रक्रिया फोटो के साथ आपको बताएंगे।
जिन लोगो के भूमि विवाद, नामांतरण (Mutation), बंटवारा (Partition) या अन्य राजस्व संबंधी मामले राजस्व अदालत में चल रहे होते है उनके लिए केस कोर्ट आर्डर प्राप्त करना बहुत महत्वपूर्ण होता है। कुछ समय पहले तक कोर्ट के ऐसे आदेश प्राप्त करने की प्रक्रिया केवल ऑफलाइन होती थी, जिसके लिए उनके न्यायलय परिसर में जाना पड़ता था जहाँ से उनके वो आदेश प्राप्त होता था। पर अब ये केस आर्डर उत्तर प्रदेश सरकार के “राजस्व न्यायालय कंप्यूटराइजेशन सिस्टम पर ऑनलइन डाउनलोड किये जा सकते है। चलिए आगे विस्तार से इस पूरी प्रक्रिया को समझते है।
राजस्व न्यायालय के आदेश (Vaad UP Court Order) क्यों आवश्यक होते हैं?
किसी भी मुक़दमे के निर्णय आदेश बहुत ही महत्वपूर्ण डॉक्यूमेंट होता है खासकर खासकर जब मामला भूमि विवाद (Land Dispute), नामांतरण (Mutation), बंटवारा (Partition), बेदखली (Eviction), पट्टा विवाद (Lease Dispute) या अन्य राजस्व संबंधित मामलों से जुड़ा हो। ये Case Court Order गवर्नमेंट द्वारा अधिकृत राजस्व न्यायालय (Revenue Court) द्वारा जारी किए जाते हैं और कानूनी रूप से मान्य होते हैं। इन कोर्ट आर्डर को महत्वपूर्ण होने के मुख्य कारण निम्नलिखित है:
- भूमि नामांतरण (Land Mutation) – जब कोई व्यक्ति नई जमीन खरीदता है या उसे विरासत में मिलती है, तो इसके लिए पिछले कोर्ट आदेश की आवश्यकता होती है।
- मालिकाना हक (Ownership Proof) – यदि किसी व्यक्ति को अपनी भूमि का स्वामित्व साबित करना हो, तो राजस्व न्यायालय के आर्डर का उपयोग किया जाता है। खासकर जब वो संपत्ति विवादित हो और कोई पक्ष जमीन पर दावा कर रहा हो, तो आर्डर निर्णायक भूमिका निभाता है।
- अपील (Appeal Process) – यदि किसी पक्ष को कोर्ट आर्डर से आपत्ति हो, तो वह हाई कोर्ट या अन्य न्यायालय में अपील (Appeal) कर सकता है। अपील दायर करने के लिए पिछले आदेश की कॉपी की जरुरत पड़ती है।
- बैंक और वित्तीय लेन-देन – ऋण (Loan) लेने या बैंक में संपत्ति से जुड़े दस्तावेज जमा करने के लिए।
- विवाद समाधान (Dispute Resolution) – कई बार परिवार के सदस्य या अन्य लोग संपत्ति पर दावा करते हैं, ऐसे में राजस्व न्यायालय का आदेश अंतिम प्रमाण (Final Proof) के रूप में काम करता है।
Vaad UP Court Case Order Download कैसे करे
Vaad UP वेबसाइट पर कोर्ट ऑर्डर चेक करना और डाउनलोड करना बहुत आसान है। नीचे हमने इसकी पूरी प्रक्रिया चरण-दर-चरण (Step-by-Step) समझाई है:
- सबसे पहले, अपने कंप्यूटर या मोबाइल के ब्राउज़र में वाद यूपी की ऑफिशियल वेबसाइट vaad.up.nic.in ओपन करें।
- होमपेज पर, आपको “न्यायलय आदेश” (Court Order) सेक्शन पर जाना है और उस पर क्लिक कर देना है।

- इसके बाद न्यायालय आदेश के नीचे आपको कोर्ट आर्डर चेक करने के 2 विकल्प दिखाई देंगे – वाद संख्या (Case Number) और आदेश तिथि (Order Date). इसका मतलब आप मुक़दमे का केस नंबर या आर्डर तिथि से आर्डर देख सकते हैं।
- हम केस नंबर से आर्डर चेक करना चाहते है तो हमने वाद संख्या पर क्लिक कर दिया है।
- इसके बाद अगला पेज ‘न्यायालय आदेश देखें’ नाम से पेज खुल जाएगा। इस पेज में आपको आपके केस के अनुसार स्तर, मण्डल, जनपद, तहसील, न्यायालय सिलेक्ट करना है।

- अब आपको अंतिम बॉक्स में अपनी वाद संख्या (Case Number) भरनी है और उसके आगे साल सिलेक्ट करके नीचे दिए आदेश देखे बटन पर क्लिक कर देना है।
- आप आपकी स्क्रीन पर आपका केस आर्डर दिखाई दे जाएगा। जिसके आप प्रिंट और डाउनलोड भी कर सकते है।
वाद यूपी कोर्ट केस आर्डर से संबधित आम सवाल
हाँ, Vaad UP पोर्टल से डाउनलोड किया गया केस कोर्ट आर्डर पूरी तरह से मान्य होता है और इसे किसी भी सरकारी या गैर-सरकारी कार्य के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
नहीं, राजस्व न्यायालय के आदेश देखने के लिए किसी लॉगिन या पंजीकरण की आवश्यकता नहीं होती।
हां, वाद यूपी वेबसाइट (vaad.up.nic.in) पर पुराने कोर्ट ऑर्डर भी उपलब्ध हैं, जिन्हे ऑनलाइन देखा और डाउनलोड किया जा सकता है।
नहीं, यह पूरी तरह से निःशुल्क है, आप बिना किसी फीस दिए मुकदमो के आदेश देख और डाउनलोड कर सकते हैं।
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